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Showing posts from September, 2018

आयुर्वेदिक नुस्खे: इन तीन चीजों से करें डायबिटीज और ब्लड शुगर को कंट्रोल

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डायबिटीज़ भी उन कई बीमारियों में से एक है जिसमें आपके शरीर के अदंर कई मैटाबॉलिक डिसऑर्डर उत्पन्न हो जाते हैं और ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ने लगता है. ये कई कारणों से हो सकता है. जैसे की आपकी लाइफ स्टाइल और खाने की आदतें या फिर आपके परिवार में पहले से ये रोग रहा हो यानी जेनेटिक डिस्पोजिशन. इसके काफी सारे स्वास्थ संबंधी घाटे हैं जैसे की मोटापा और हृदय से जुड़े रोग. देश में साल 1990 से 2016 के बीच हृदय रोग (Heart disease) के मामलों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हो सकता है कि ये आंकडे आपको चौंका दें, लेकिन जरा रुकिए इससे भी ज्यादा हैरान करने वाले आंकड़े ये हैं कि मधुमेह या डायबिटीज़ (Diabetes) में 150 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. मधुमेह से पीड़ित भारतीयों की संख्या 1990 में 2.6 करोड़ थी, जो 2016 में 6.5 करोड़ हो गई. फेफड़ों के मरीज़ों की संख्या इस दौरान 2.8 करोड़ से बढ़कर 5.5 करोड़ हो गई. एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. शुगर, मधुमेह या diabetes दुनियाभर में आम बीमारियों में से एक बन गया है. इसे मरीज़ के ब्लड शुगर के स्तर के आधार पर पहचाना जाता है. हालांकि इसे पूरी तरह से ठीक करना आ...

HEALTH NEWS: Benefits Of Beetroot: चुकंदर के 5 फायदे, कब्ज, डायबिटीज और दिल के ल‍िए फायदेमंद...

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चुकंदर (Beetroot) गुणों से भरा होता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि चुकंदर के जूस में नाइट्रेट पदार्थ होता है, जो कि मांस पेशियों में मज़बूती पैदा करता है. पहले हुई रिसर्च से पता चला था कि डाइट में नाइट्रेट की मात्रा शामिल करने से एथ्लीट्स की मांस पेशियों में सुधार हुआ है. चुकंदर का जूस, पालक और बाकी की हरी सब्जी जैसे आर्गुला और सेलेरी में मौजूद नाइट्रेट, शरीर में जाकर नाइट्रिक एसिड में बदलता है. यह पदार्थ रक्त कोशिकाओं को रिलेक्स करते हुए मैटाबॉलिज्म को फायदा पहुंचाता है. चुकंदर खाने से शरीर में खून की कमी नहीं होती है और आपका शुगर लेवल भी सही रहता है. चुकंदर में (Benefits Of Beetroot) मौजूद आयरन, सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस आपके शरीर को ताकत तो देते ही हैं साथी ही आपको बीमारियों से भी दूर रखते हैं. 1. एनीमिया करे दूर: एनीमिया की बीमारी को दूर करने के लिए चुकंदर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा लाभदायक है. चुकंदर में पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो खून को बढ़ाने और उसे साफ करने का काम करते हैं. महिलाओं को खून की कमी ज्यादा होती है. इसलिए महिलाओं को डाइट में चुकं...

कोलार्ड सब्जी वजन कम करने के साथ करती है डायबिटीज़ नियंत्रित

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कोलार्ड ग्रीन्स पत्तागोभी परिवार से ताल्लुक रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। ये वजन घटाने, डायबिटीज़ और दिल से जुड़ी समस्याओं को कम करने काम करती है। अपनी डाइट में कोलार्ड ग्रीन्स शामिल करते हैं तो इससे हड्डियां मजबूत होती है। कोलार्ड में कैल्शियम पाया जाता है। ये कैंसर जैसी समस्या को खत्म करने में कारगर है।

HEALTH NEWS :देश में 16 लाख लोग हैं अल्जाइमर से पीड़ित, जानें कारण और बचाव

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अल्जाइमर भूलने की बीमारी है। बीमारी जब अडवांस्ड स्थिति में पहुंच जाती है, तो मरीज अपने परिजनों और रिश्तेदारों को पहचनाना तक बंद कर देता है। देश में लगभग 16 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। यह कहना है इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के न्यूरोलोजी विभाग के सीनियर कन्सलटेन्ट डॉ. विनीत सूरी का। डॉ. सूरी ने 'विश्व अल्जाइमर दिवस' पर बुधवार को आईएएनएस को जारी एक बयान में कहा कि भारत में लगभग 40 लाख लोग डीमेंशिया से पीड़ित हैं और इसमें अल्जाइमर के मामले सबसे ज्यादा हैं। तकरीबन 16 लाख मरीज अल्जाइमर से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, अक्सर लोग समझते हैं कि 'डिमेंशिया' और 'अल्जाइमर' एक ही हैं। हालांकि ये दोनों स्थितियां एक नहीं हैं, वास्तव में अल्जाइमर डीमेंशिया का एक प्रकार है। डीमेंशिया में कई बीमारियां शामिल हैं, जैसे अल्जाइमर रोग, फ्रंट टू टेम्पोरल डीमेंशिया, वैस्कुलर डीमेंशिया आदि। डीमेंशिया के मरीजों में शुरुआत में याददाश्त कमजोर होने लगती है और मरीज को रोजमर्रा के काम करने में परेशानी होने लगती है। मरीज तारीखों, रास्तों और जरूरी कामों को भूलने लगता है। वह घर या ऑफिस में का...

Diabetes: ये तीन चीजें करेंगी ब्लड शुगर लेवल को कम, यहां है आयुर्वेदिक नुस्खे...

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शुगर, मधुमेह या diabetes दुनियाभर में आम बीमारियों में से एक बन गया है. इसे मरीज़ के ब्लड शुगर के स्तर के आधार पर पहचाना जाता है. हालांकि इसे पूरी तरह से ठीक करना आसान नहीं है, लेकिन अपनी डाइट में कुछ परिवर्तन करने से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. डाइबिटीज भी उन कई बीमारियों में से एक है जिसमें आपके शरीर के अदंर कई मैटाबॉलिक डिसऑर्डर उत्पन्न हो जाते हैं और ब्लड शुगर लेवल भी बढ़ने लगता है. ये कई कारणों से हो सकता है. जैसे की आपकी लाइफ स्टाइल और खाने की आदतें या फिर आपके परिवार में पहले से ये रोग रहा हो यानी जेनेटिक डिस्पोजिशन. इसके काफी सारे स्वास्थ संबंधी घाटे हैं जैसे की मोटापा और हृदय से जुड़े रोग.  खून में अगर शुगर लेवल बढ़ा हो तो ऐसे फलों का इस्तेमाल करना लाभदायक होता है जिनमें फाइबर की मात्रा ख़ूब हो. खूब सारा पानी पीना भी शुगर लेवल को ठीक रखने में मदद करता है. शुगर लेवल को ठीक रखने के लिए ऐहतियात बरतनी बहुत ज़रूरी होती है. ऐसा माना जाता है कि जंक फूड और ट्रांस फूड के कम सेवन से शुगर लेवल को ठीक रखा जा सकता है, और ये कुछ हद तक ठीक भी है.  इसल...

HEALTH NEWS:मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से फ्यूमिगेशन पद्धति दिलाएगी छुटकारा, जानें क्या हैं इसके लाभ

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बरसात के मौसम में तमाम तरह के वायरल इंफेक्शन व मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। मच्छरों और कीट-पतंगों की वजह से कई बीमारियों के फैलने का डर रहता है। बदलते हुए मौसम में मच्छरों द्वारा संक्रमित बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया होने का जोखिम बढ़ने लगता है। यह सभी बीमारी फैलाने वाले जीव पुराने टायर, ड्रम, फूलदान, कचरे के ढेर में पड़े बर्तन आदि में जमा हुए गंदे पानी में पनपते हैं और यह ज्यादातर दिन में सक्रिय होते हैं। ऐसे अब इन मच्छरों के प्रकोप से छुटकारा पाने के लिए फ्यूमिगेशन पद्धति को अपनाया जाएगा। इन सभी मुद्दों को लोगों के समक्ष उजागर करते हुए वैशाली स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने फ्यूमिगैशन ड्राइव शुरू किया है। एक नामी अस्पताल ने अपने बयान में कहा है कि फ्यूमिगैशन ड्राइव 14 सितम्बर से 19 सितम्बर तक शिप्रा सन सिटी फेज-2, शिप्रा सन सिटी फेज-1, शिप्रा कृष्णा विस्टा, शिप्रा नियो और साया अपार्टमेंट में चलाया जाएगा। इस ड्राइव का लक्ष्य मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोगों को कम करके आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करन...

हृदय रोग के 50 तो डायबिटीज के 150 फीसदी बढ़ें मरीज, जानें कारण

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देश में साल 1990 से 2016 के बीच हृदय रोग में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि मधुमेह में 150 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। मधुमेह से पीड़ित भारतीयों की संख्या 1990 में 2.6 करोड़ थी, जो 2016 में 6.5 करोड़ हो गई। फेफड़ों के मरीजों की संख्या इस दौरान 2.8 करोड़ से बढ़कर 5.5 करोड़ हो गई। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवोल्यूशन (आईएचएमई) ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की भागीदारी में राज्यस्तीय बीमारियों के बोझ का पता लगाने की पहल के तहत जारी रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी। एक बयान में बताया गया कि वैश्विक बीमारियों का बोझ अध्ययन के तहत यह रिपोर्ट 1990 के बाद उपलब्ध बीमारियों के दर्ज आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है। इसे तैयार करने में विशेषज्ञों के अलावा देश भर के 100 से अधिक संस्थानों ने भी योगदान दिया है, जिसे द लेंसेट ग्लोबल हेल्थ, द लेंसेट पब्लिक हेल्थ, और द लेंसेट ऑकोलॉजी में पांच शोध पत्रों की सीरीज में प्रकाशित किया गया है। इसके साथ...

वीडियो देखें Health News: सुबह भीगे बादाम खाने के ये है चमत्कारिक फायदे.

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please wait video will play soon Health News: सुबह भीगे बादाम खाने के ये है चमत्कारिक फायदे..  

लीवर व पेट संबंधी बीमारियों को न करें नजरअंदाज : डॉ अवनीश

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गया : पेट में उत्पन्न होनेवाले विकार कई रोगों की जड़ होते हैं. सिरदर्द, बुखार, एसिडिटी, बदहजमी, चक्कर आना व उल्टी-दस्त आदि से लेकर पीलिया हेपेटाइटस, फैटी लीवर जैसी  बीमारियां भी पेट में मामूली शिकायतों के बाद आज-कल सामने आ रही हैं. पेट में गड़बड़ी के बाद बवासीर, शुगर व बीपी के अलावा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों की चपेट में भी लोग आ रहे हैं.   इसलिए पेट व लीवर से संबंधित बीमारियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. यह जानकारी पेट व गैस्ट्रो एन्ट्रोलॉजी रोग के विशेषज्ञ एमडी/डीएम डॉ अवनीश कुमार ने प्रभात खबर संवाददाता से विशेष बातचीत के दौरान दी. वह शहर के जीबी रोड में जयप्रकाश नारायण अस्पताल के सामने स्थित इंदुब्रज चाइल्ड एंड गैस्ट्रो केयर में हर रविवार को लोगों को अपनी सेवा दे रहे हैं. पटना स्थित रूबन अस्पताल में कार्यरत डाॅ अवनीश ने बताया कि पेट व लीवर से संबंधित गंभीर बीमारियों से खान-पान में सावधानी बरत कर बचा जा सकता है.   पेट संबंधी रोग प्रारंभिक अवस्था में सही इलाज कराने पर जड़ से भी खत्म हो सकते हैं. साथ ही इससे होनेवाली दूसरी बीमारियों से भी बचा जा सकता है. लेकि...

HEALTH NEWS:सावधान! हृदय रोग 50 और डायबिटीज 150 फीसदी तेजी से बढ़ रही है...

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देश में साल 1990 से 2016 के बीच हृदय रोग (Heart disease) के मामलों में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हो सकता है कि ये आंकडे आपको चौंका दें, लेकिन जरा रुकिए इससे भी ज्यादा हैरान करने वाले आंकड़े ये हैं कि मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes) में 150 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. मधुमेह से पीड़ित भारतीयों की संख्या 1990 में 2.6 करोड़ थी, जो 2016 में 6.5 करोड़ हो गई. फेफड़ों के मरीजों की संख्या इस दौरान 2.8 करोड़ से बढ़कर 5.5 करोड़ हो गई. एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवोल्यूशन (आईएचएमई) ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की भागीदारी में राज्यस्तीय बीमारियों के बोझ का पता लगाने की पहल के तहत जारी रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी.  एक बयान में बताया गया कि वैश्विक बीमारियों का बोझ अध्ययन के तहत यह रिपोर्ट 1990 के बाद उपलब्ध बीमारियों के दर्ज आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है. इसे तैयार करने में विशेषज्ञों के अलावा देश भर के 100 से अधिक संस्थानों ने भी य...

बॉडी को डीटॉक्स करने के लिए पीएं ये जूस, होगा फायदा

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अगर आप डीटॉक्स प्लान अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं तो आपके लिए फायदेमंद होता है। शरीर से टॉक्सिन्स सही ढंग से निकलना जरूरी है। डीटॉक्स में आपको केवल हेल्दी और ग्रीन जूस पीने होते हैं। एवोकैडो फाइबर रिच फ्रूट होता है जिसमें फैट की मात्रा पाई जाती है। हरा सेब डायबिटीज़ वाले मरीज अपनी डाइट में शामिल करते हैं। डीटॉक्स डाइट में नारियल पानी लाभकारी होता है।

रोजाना ये 2 व्यायाम करने से 80% तक कम होता है हार्ट अटैक का खतरा

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हार्ट अटैक का रोग आज के समय में बहुत ही आम हो गया है। हाल ही में कैलिफॉर्निया में हुए एक शोध में कहा गया है कि मोटापा हमेशा बुरा ही नहीं होता। मोटे दिखने वाले लोग भी स्वस्थ रह सकते हैं, बशर्ते वे नियमित व्यायाम करें। एक्सरसाइज के बाद मोटे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बेहद कम हो जाता है। इस शोध में पाया गया है कि मिडिल एज में व्यायाम का नियम बनाने वालों के लिए मोटापा परेशानी का सबब नहीं रह जाता है। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि मोटापे का संबंध हमेशा बीमारी से ही हो। विशेषज्ञों का कहना है कि शारीरिक बनावट से इतर नियमित व्यायाम करने से दिल का दौरा पडऩे या आघात का खतरा नहीं के बराबर रह जाता है। शोधकर्ताओं ने इस नतीजे पर पहुंचने के लिए 5300 लोगों के आंकडों का आकलन किया। इन सभी की उम्र 55 वर्ष या उससे अधिक थी। इन्हें 15 वर्र्षों तक डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया। विशेषज्ञों ने देखा कि जो लोग अत्यधिक मोटे और सुस्त थे, उनमें दिल संबंधी बीमारियों का खतरा मोटे मगर सक्रिय लोगों के मुकाबले तीन गुना तक अधिक था। यानी शारीरिक सक्रियता और व्यायाम भले ही किसी को मोटापे से ...

दिन में सुस्ती और आलस से अलजाइमर का खतरा

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अक्‍सर ऐसे लोग देखने को मिलते हैंं, जिन्‍हें दिन में काफी सुस्‍ती आती है। यह मेट्रो, ऑफिस या क्‍लास में कभी भी झपकी लेते रहते हैं। एक अध्‍ययन में कहा गया है कि ऐसे लोगों में अलजाइमर बीमारी होने का खतरा अधिकत रहता है। यह अध्‍ययन अमेरिका स्थित जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है।  इस शोध में दावा किया है कि जो लोग दिन के समय सुस्ती और नींद महसूस करते हैं, उनमें उन लोगों के मुकाबले भूलने की बीमारी होने का तीन गुना ज्‍यादा खतरा होता है जो रात को अच्छी नींद लेते हैं। इस अध्‍ययन में से यह भी पता चला है कि अगर आपको दिन में सुस्ती और नींद आती है तो आप अलजाइमर्ज डिजीज (भूलने की बीमारी) का शिकार हो सकते हैं। तकरीबन 10 साल तक चले अध्‍ययन के लिए कुछ उम्रदराज लोगों का परीक्षण किया गया। इसमें पता चला कि जिन लोगों को दिन के वक्त सुस्‍ती या आलस महसूस हो रहा था, उनमें अलजाइमर होने का खतरा तीन गुना अधिक था। ऐसे लोगों के दिमाग में बीटा अमायलॉइड  नाम का एक प्रोटीन पाया गया। यह प्रोटीन अलजाइमर की बीमारी की पहचान है। सेफ्टी ऐंड सिक्यॉरिटी फॉर जेनरेशन्स के भी एक सर्वे में पता ...