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Showing posts from July, 2018

Visceral Leishmaniasis: क्या है काला अजार या काला बुखार, इसके लक्षण और बचाव के उपाय...

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देश के पूर्वी राज्य बिहार और झारखंड में विसरल लीशमेनियेसिस (वीएल) यानी की (काला जार या काला बुखार) 17 जिलों के 61 ब्लॉक से बढ़ कर 68 ब्लॉक में फैल गया है. साथ ही काला जार संचरण का खतरा पिछले कुछ वर्षो में तेजी से बढ़ा है. काला जार विश्व के 76 देशों में फैला है और इसे दुनिया भर में प्रोटोजोअल वेक्टर-बोर्न बीमारी माना जाता है. अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल इसके 2,50,000 से 3,00,000 मामले सामने आते हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक मामले भारत, बांग्लादेश, सूडान, दक्षिण सूडान, इथियोपिया और ब्राजील से होते हैं. यह रोग अक्सर इन देशों की सबसे गरीब आबादी को प्रभावित करता है. हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, "काला-अजार लीशमेनिया जीनस के प्रोटोजोअन परजीवी के जरिये धीमी गति से होने वाली एक स्वदेशी बीमारी है. भारत में, लीशमेनिया डोनोवेनी एकमात्र परजीवी है जो इस बीमारी का कारण बनता है और यह मुख्य रूप से रेटिक्युलोएंडोथेलियल सिस्टम को संक्रमित करती है. यह अस्थि मज्जा, स्प्लीन और लिवर में प्रचुरता में पाया जा सकता है." क्या है काला अजार-  पोस्...

10 Dates Benefits: हड्डियों की मजबूती से लेकर त्वचा की खूबसूरती तक खजूर के 10 फायदे

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आज से हजारों साल पहले इंसान को डेट्स यानी खजूर के बारे में पता चला और साथ ही उन्हें यह भी मालूम हुआ कि डेट्स के अदंर कमाल की हीलिंग पावर होती है. और इस बात को विज्ञान ने भी स्वीकारा. ऐसा माना जाता है कि डेट पाल्म की उत्पत्ति इराक से हुई, हालांकि इटली के लोगों का दावा है कि उन्होंने इससे बहुत समय पहले ही खजूर से वाइन बनाना शुरू कर दिया था. दूसरे देशों से व्यापार की बदौलत डेट साउथवेस्ट एशिया से लेकर स्पेन, उत्तरी अफ्रीका और इसके बाद मेक्सिको और केलिफोर्निया पहुंचा. आज डेट मिडिल ईस्ट की कई डिसेज़ का एक महत्वपूर्ण इंग्रीडियेन्ट है. वैसे तो विश्व में 30 प्रकार के डेट्स पाए जाते हैं लेकिन मौटे तौर पर इनका वर्गीकरण 3 वर्गों में होता है. सॉफ्ट, सेमी ड्राई और ड्राई. और ये अंतर मुख्य रूप से तीन चीजों को ध्यान में रखकर किया जाता है, ग्लोकोज, सूक्रोज और फ्रुक्टोज. डेट्स की सबसे बेहतर श्रेणियों में से एक गाज़ा पट्टी में पाई जाती है. इसके अलावा मिस्र में पाई जाने वाली ज़ैग्लोल डेट्स भी बेहद उत्तम मानी जाती हैं,  आकार में लम्बी और गाढ़े रंग वाली ये डेट खाने में काफी क्रंची होती है. और ये ...

बार-बार उपवास की आदत दे सकती है इस बीमारी को बुलावा...

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हम सभी की अपनी अपनी धार्मिक आस्थाएं होती हैं. एक समाज में रहते हुए हम सब अपनी अपनी मान्यताओं को फॉलो करते हैं. लगभग हर धर्म में उपवास रखने की मान्यता है और बहुत से लोग अपनी मन्नतों और अन्य वजहों से बार-बार व्रत रखते हैं. लेकिन यह आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. कई बार एक तीर से दो निशाने करने के इरादे से कुछ लोग हर दो या तीन दिन में उपवास कर लेते हैं. लेकिन यह सेहत से खिलवाड़ साबित हो सकता है. इतने कम अंतराल पर उपवास करने से डायबिटीज का खतरा हो सकता है. जी हां, हाल ही में शोधकर्ताओं ने पाया है कि वजन घटाने के लिए हर दूसरे दिन उपवास करना चीनी विनियमन हार्मोन-इंसुलिन के क्रियान्वयन को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मधुमेह होने का खतरा बढ़ सकता है. इस शोध के निष्कर्ष को बार्सिलोना में ईसीई 2018 में इंडोक्राइनोलॉजी की वार्षिक बैठक प्रस्तुत किया गया. इसमें सुझाव दिया गया कि उपवास आधारित आहाज दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा हो सकता है. ऐसे में वजन घटाने के कार्यक्रम के शुरुआत से पहले सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए. टाइप-2 मधुमेह एक बढ़ती वैश्विक महामारी है और यह अक्सर असंतुलित आहार...

इस Fitness Freak जनरेशन में भी 70% से ज्यादा लोगों की मसल्स हैं कमजोर

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देश में मध्यम आयु वाले 10 में से 7 लोगों की मांसपेशियों का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जबकि सक्रिय जीवनशैली के लिए यह महत्वपूर्ण है और यह संपूर्ण स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई. इनबॉडी ने सर्वेक्षण फ्रांस स्थित आईपीएसओएस वैश्विक बाजार शोध संस्था के सहयोग से किया किया है. यह शरीर संरचना विश्लेषण की अग्रणी कंपनी है. इस शोध में सामने आया है कि देश के 30 से 50 आयु वर्ग वाले 71 फीसदी से ज्यादा पुरुष व महिलाओं में मांसपेशियों का द्रव्यमान (मास) ज्यादा होने की जरूरत है. इसके अलावा 68 फीसदी भारतीयों में शरीर में प्रोटीन की मात्रा जरूरी स्तर से कम पाई गई, जिससे मांसपेशियों की सेहत खराब रही. शोधकर्ताओं ने कहा कि खराब मांसपेशीय मास की वजह से मांसपेशी के कार्य व उपापचय स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. इस शोध दल ने दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, लखनऊ, पटना और हैदराबाद सहित आठ भारतीय शहरों के 30 से 55 साल के बीच के 1,243 लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. लखनऊ में सबसे ज्यादा पुरुषों और महिलाओं का खराब मांसपेशीय मास रहा. इसमें 82 प्रतिशत पु...

कितने फीसदी लोग हैं मोटापे से पीड़ित और क्या है वजहें

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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि बिहार, मध्य प्रदेश, मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में 10 फीसदी से अधिक लोग मोटापे से पीड़ित पाए गए हैं. नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हॉस्पिटल, (एफएचवीके) के निदेशक, एमएएस, बेरियाट्रिक एंड जीआई सर्जरी डॉ. रणदीप वाधवा ने कहा, " पिछले एक वर्ष के दौरान ऐसे कई मामले देखे गए हैं जहां पटना के मरीजों का बीएमआई 40 से अधिक रहा है. ऐसे मरीजों को व्हीलचेयर के अलावा भी सपोर्ट की जरूरत होती है और वे मोटापा जनित कई रोगों से ग्रस्त होते हैं. मैं जब भी पटना आता हूं तो मुझे कम से कम 25 ऐसे मरीज देखने को मिलते हैं जिन्हें मोटापे के लिए तत्काल सर्जरी की जरूरत होती है." डॉ. वाधवा के मुताबिक, "जब मैं पटना टियर 2 एवं 3 शहरों के मरीजों में 40 से अधिक बीएमआई देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है. करीब एक दशक के पहले बहुत कम मरीज वजन कम करने की प्रक्रियाओं का विकल्प चुनते थे लेकिन पटना में हमने जिन मरीजों का बेरियाट्रिक सर्जरी के माध्यम से उपचार किया उनका औसत बीएमआई 44 के करीब था...

Nutrition In Olive Oil: गजब के हेल्‍थ बेनिफिट देता है ऑलिव ऑयल

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अपने स्वास्थ्य लाभों को लेकर ऑलिव ऑयल ने दुनिया भर में व्यंजनों में लोकप्रियता हासिल की है. ऑलिव ऑयल को हमेशा से ही स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता रहा है. तेजी से भागती जिंदगी और बदलती जीवनशैली में जहां हर दूसरा व्‍यक्ति किसी न किसी रोग से परेशान है ऐसे में ऑलिव ऑयल आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.  एनिमल और प्‍लांट फूड में इनविजिबल ऑयल अप्राकृतिक रूप से होता है. कुकिंग ऑयल जैसे बटर, घी में प्राकृतिक रूप से ऑयल होता है. संसाधित और तैयार खाने वाले खाद्य पदार्थों में अप्रत्यक्ष वसा मौजूद होती है. फैट कई तरह के फैटी एसिड संतृप्त फैटी एसिड (एसएफ), मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड (एमयूएफए), और पोलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (पुफा) होते हैं. इन सबका हमारे मेटाबॉलिज्‍म में खास रोल होता है. 13.5 g {1 टेबल स्‍पून } एनर्जी 119Kcal फैट 13.5g सीएचओ 0g प्रो‍टीन 0g विटामिन ई  14.35mg सेट फैट 13.8g पामिटिक एसिड 11.2g मोनोअनसेट फैट 72.96g ओलेक एसिड 71.2g पोली अनसेट फैट 10.5g कोलेस्ट्रॉल 0g   ये हैं ऑलिव ऑयल के फायदे: 1. दिल के लिए है बेहतर: ऑलिव ऑ‍यल में पाए जाने...

भारत में 4 करोड़ लोग हैं इस बीमारी से प्रभावित, पहुंचाती है लिवर को नुकसान...

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दुनिया भर में 36 करोड़ से ज्यादा लोग गंभीर वायरल संक्रमण क्रोनिक हेपेटाइटिस बी इन्फेक्शन से पीड़ित हैं, जिसमें से चार करोड़ मरीज अकेले भारत में ही इस संक्रमण से ग्रस्त हैं. यह मुख्य रूप से लिवर को प्रभावित करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.  रिपोर्ट के मुताबिक, क्रोनिक हिपेटाइटिस बी से संक्रमित लगभग 25 प्रतिशत लोगों को लिवर या जिगर की सिरोसिस होने का जोखिम रहता है, या हेपेटोसेल्युलर कार्सिनोमा (लिवर कैंसर) और आखिर में मृत्यु का खतरा रहता है. भले ही हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) सीधे संपर्क, हवा अथवा पानी के माध्यम से नहीं फैलता लेकिन यह रक्त या शरीर से निकले दूषित तरल पदार्थों (जैसे लार या वीर्य आदि) और मां से नवजात शिशु के माध्यम से फैलने वाला वायरस माना जाता है.  पोर्टिया मेडिकल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एम. उदय कुमार ने कहा, "हर साल, 10 लाख नवजात शिशुओं को क्रोनिक एचबीवी संक्रमण होने का खतरा रहता है. यह एचबीवी संक्रमित माताओं से रक्त के सीधे संपर्क के कारण (प्राकृतिक या सिजेरियन विधि से जन्मे) शिशुओं तक फैल सकता है....

#MonsoonSessions: बारिशों में ये बीमारी बन सकती है खतरनाक, यहां है बचने के उपाय...

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मुंबई में चूहों के जरिये फैलने वाले रोग Leptospirosis यानी लेप्टोस्पायरोसिस से चार लोगों की मौत हो जाने के बाद कीट नियंत्रण विभाग ने चूहों के 17 बिलों में कीटनाशक दवा का छिड़काव किया है ताकि रोग को फैलने से बचाया जा सके. लेप्टोस्पायरोसिस एक जीवाणु रोग है, जो मनुष्यों और जानवरों को प्रभावित करता है. यह लेप्टोस्पिरा जीनस के बैक्टीरिया के कारण होता है. यह संक्रमित जानवरों के मूत्र के जरिये फैलता है, जो पानी या मिट्टी में रहते हुए कई सप्ताह से लेकर महीनों तक (Monsoon Sessions) जीवित रह सकते हैं. हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "अत्यधिक rain यानी बारिश और उसके परिणामस्वरूप बाढ़ से चूहों की संख्या में वृद्धि के चलते जीवाणुओं का फैलाव आसान हो जाता है. संक्रमित चूहों के मूत्र में बड़ी मात्रा में लेप्टोस्पायर्स होते हैं, जो बाढ़ के पानी में मिल जाते हैं. जीवाणु त्वचा या (आंखों, नाक या मुंह की झल्ली) के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, खासकर यदि त्वचा में कट लगा हो तो." क्या है वजह - दूषित पानी पीने से भी संक्रमण हो सकता है. उपचार के बि...

क्या आप भी लेते हैं 'एंटीबायोटिक्स', तो ये खबर पढ़ना आपके लिए जरूरी है...

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भारत समेज कई देशों में एंटीबायोटिक दवाओं की आपूर्ति बढ़ने से वैश्विक स्तर पर एंटीबायोटिक का असर बुरी तरह बेअसर होता जा रहा है. ऐसा एक शोध में सामने आया है, जिसमें कानून को बेहतर तरीके से तत्काल लागू करने की जरूरत बताई गई है. शोध में पाया गया है कि 2000 व 2010 के बीच एंटीबायोटिक्स का उपभोग वैश्विक रूप से बढ़ा है और यह 50 अरब से 70 अरब मानक इकाई हो गया है. इसके इस्तेमाल में वृद्धि में प्रमुख रूप से भारत, चीन, ब्राजील, रूस व दक्षिण अफ्रीका में हुई है. ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इमानुएल एडेवुयी ने कहा, "एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल एंटीबायोटिक के प्रतिरोध के फैलाव व विकास को सुविधाजनक बना सकता है. उदाहरण के लिए करीब 57,000 नवजात सेप्सिस की मौतें एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमण के कारण होती हैं." इससे अमेरिका में सलाना 20 लाख संक्रमण व 23,000 मौतें होती हैं और यूरोप में हर साल करीब 25,000 मौतें होती हैं. एडेयुवी ने कहा, "विकासशील देशों में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमण के भरोसेमंद अनुमानों की कमी है, लेकिन माना जाता है कि ...

याददाश्त से जुड़ी बीमारी डिमेंशिया के इलाज में मददगार हैं अल्ट्रासाउंड तरंगें...

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कम तीव्रता की अल्ट्रासाउंड तरंगों से डिमेंशिया या अल्जाइमर के मरीजों के संज्ञानात्मक अक्षमता में सुधार हो सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कम तीव्रता वाले स्पंदित अल्ट्रासाउंड (एलआईपीयूएस) का चूहों के दिमाग पर इस्तेमाल करने से बिना दुष्प्रभाव के रक्त वाहिका निर्माण व तंत्रिका कोशिकाओं को पुनर्निर्माण में सुधार दिखाई दिया. शोधकर्ताओं का मानना है कि इस तरह का उपचार मानव के लिए लाभदायी हो सकती है. जापान के तोहोकू विश्वविद्यालय के हिरोआकी शिमोकावा ने कहा, "एलआईपीयूएस थेरेपी बिना घाव वाली फिजियोथेरेपी है. इसका इस्तेमाल ज्यादा जोखिम वाले बुजुर्ग मरीजों में बिना सर्जरी या एनेस्थेसिया के किया जा सकता है और इसका बार-बार इस्तेमाल हो सकता है."

एसआरएल डायग्नॉस्टिक की ब्रैंड एम्बेसेडर बनीं शिल्पा

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अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स की ब्रैंड एम्बेसडर नियुक्त किया गया है. इस डायग्नॉस्टिक्स संस्था ने ब्रैंड 'एसआरएल केयर' के तहत एक नए निवारक स्वास्थ्य जांच का मंच तैयार किया है. इसके तहत पूरे शरीर की जांच के लिए व्यापक और अनुकूलित सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इस मौके पर एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरिंदम हल्दर ने कहा, "पिछले 23 वर्षो से एसआरएल का उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य के लिए असाधारण तरीकों से लोगों की मदद करने पर केंद्रित रहा है. इस प्रतिबद्धता का मतलब है कि हम अत्यधिक प्रशिक्षित कर्मचारियों और ग्राहक केंद्रित सेवाओं के साथ प्रौद्योगिकी में विकास लाने का प्रयास करते हैं." कर रही हैं फैमिली प्लानिंग तो इस बात पर जरूर दें ध्यान, बहुत जरूरी है यह काम... मर्दों से ज्यादा औरतों को अपना शिकार बनाती है यह बीमारी, रखें ध्यान... शिल्पा का कहना है कि वह हमेशा से प्रीवेंटिव हेल्थकेयर पर विश्वास रखती आई हैं.  उन्होंने कहा, "मैं नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच करवाती हूं. एसआरएल केयर की कोशिश लोगों की मानसिकता को निरोधक...

भारत में हर तीसरी औरत को होता है यहां दर्द, क्या है वजह

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देश में अधिकतर महिलाएं पेट के निचले हिस्से के दर्द से परेशान रहती हैं. पीरियड्स के दौरान या लंबे समय तक बैठे रहने से यह समस्या बढ़ जाती है. अगर पेट दर्द की समस्या छह महीने से अधिक समय तक बनी रहती है तो यह पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (पीसीएस) का कारण हो सकता है. देश में हर तीन में से एक महिला अपने जीवन के किसी न किसी स्तर पर पेल्विक पेन से पीड़ित होती है. वसंत कुंज स्थित फोर्टिस हास्पिटल के हेड इंटरवेशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ. प्रदीप मुले के अनुसार, "पेट के निचले भाग में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, उसमें से सबसे सामान्य कारणों में से एक है पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (पीसीएस). यह युवा महिलाओं में अधिक देखा जाता है. पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम को पेल्विक वेन इनकम्पेटेंस या पेल्विक वेनस इनसफिशिएंशी भी कहते हैं."  'जुग-जुग जिओगे' अगर खाओगे मछली, जानें और भी फायदे... उन्होंने कहा, "यह महिलाओं में होने वाली एक चिकित्सीय स्थिति है. इस स्थिति में तेज दर्द होता है जो खड़े होने पर और बढ़ जाता है, लेटने पर थोड़ा आराम मिलता है. पीसीएस जांघों, नितंब या योनि क्षेत्र की वै...