क्या आप भी लेते हैं 'एंटीबायोटिक्स', तो ये खबर पढ़ना आपके लिए जरूरी है...

क्या आप भी लेते हैं भारत समेज कई देशों में एंटीबायोटिक दवाओं की आपूर्ति बढ़ने से वैश्विक स्तर पर एंटीबायोटिक का असर बुरी तरह बेअसर होता जा रहा है. ऐसा एक शोध में सामने आया है, जिसमें कानून को बेहतर तरीके से तत्काल लागू करने की जरूरत बताई गई है. शोध में पाया गया है कि 2000 व 2010 के बीच एंटीबायोटिक्स का उपभोग वैश्विक रूप से बढ़ा है और यह 50 अरब से 70 अरब मानक इकाई हो गया है.
इसके इस्तेमाल में वृद्धि में प्रमुख रूप से भारत, चीन, ब्राजील, रूस व दक्षिण अफ्रीका में हुई है.


ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के इमानुएल एडेवुयी ने कहा, "एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल एंटीबायोटिक के प्रतिरोध के फैलाव व विकास को सुविधाजनक बना सकता है. उदाहरण के लिए करीब 57,000 नवजात सेप्सिस की मौतें एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमण के कारण होती हैं."
इससे अमेरिका में सलाना 20 लाख संक्रमण व 23,000 मौतें होती हैं और यूरोप में हर साल करीब 25,000 मौतें होती हैं.
एडेयुवी ने कहा, "विकासशील देशों में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी संक्रमण के भरोसेमंद अनुमानों की कमी है, लेकिन माना जाता है कि इन देशों में कई और मौतों का कारण बनती हैं."
इस शोध का प्रकाशन 'द जर्नल ऑफ इंफेक्शन' में किया गया है. इसमें 24 देशों के शोध का विश्लेषण किया गया है. (इनपुट आईएएनएस)

Comments

Popular posts from this blog

2025 तक 6 करोड़ लोगों को होगा घुटनों में दर्द, आखिर क्या होगी वजह!

डब्लूएचओ का दावा, प्रदूषण के कारण 4 साल उम्र घटा रहे हैं भारतीय

याददाश्त से जुड़ी बीमारी डिमेंशिया के इलाज में मददगार हैं अल्ट्रासाउंड तरंगें...