बार-बार उपवास की आदत दे सकती है इस बीमारी को बुलावा...
हम सभी की अपनी अपनी धार्मिक आस्थाएं होती हैं. एक समाज में रहते हुए हम सब अपनी अपनी मान्यताओं को फॉलो करते हैं. लगभग हर धर्म में उपवास रखने की मान्यता है और बहुत से लोग अपनी मन्नतों और अन्य वजहों से बार-बार व्रत रखते हैं. लेकिन यह आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. कई बार एक तीर से दो निशाने करने के इरादे से कुछ लोग हर दो या तीन दिन में उपवास कर लेते हैं. लेकिन यह सेहत से खिलवाड़ साबित हो सकता है. इतने कम अंतराल पर उपवास करने से डायबिटीज का खतरा हो सकता है.
जी हां, हाल ही में शोधकर्ताओं ने पाया है कि वजन घटाने के लिए हर दूसरे दिन उपवास करना चीनी विनियमन हार्मोन-इंसुलिन के क्रियान्वयन को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मधुमेह होने का खतरा बढ़ सकता है.
इस शोध के निष्कर्ष को बार्सिलोना में ईसीई 2018 में इंडोक्राइनोलॉजी की वार्षिक बैठक प्रस्तुत किया गया. इसमें सुझाव दिया गया कि उपवास आधारित आहाज दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा हो सकता है. ऐसे में वजन घटाने के कार्यक्रम के शुरुआत से पहले सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए.
टाइप-2 मधुमेह एक बढ़ती वैश्विक महामारी है और यह अक्सर असंतुलित आहार व बैठने वाली जीवनशैली से जुड़ा है और इस तरह से यह मोटापे से जुड़ी हुई है.
ब्राजील के साओ पाउलो विश्वविद्यालय की शोध की लेखक अना बोनासा ने कहा, "यह पहला शोध है जो दिखाता है कि वजन घटाने के बावजूद रुक-रुक कर उपवास रहने वाले आहार से वास्तव में अग्नाशय को क्षति पहुंचती है और इससे सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्तियों में इंसुलिन के कार्य पर असर पड़ता है. इससे मधुमेह या स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं."
जी हां, हाल ही में शोधकर्ताओं ने पाया है कि वजन घटाने के लिए हर दूसरे दिन उपवास करना चीनी विनियमन हार्मोन-इंसुलिन के क्रियान्वयन को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मधुमेह होने का खतरा बढ़ सकता है.
इस शोध के निष्कर्ष को बार्सिलोना में ईसीई 2018 में इंडोक्राइनोलॉजी की वार्षिक बैठक प्रस्तुत किया गया. इसमें सुझाव दिया गया कि उपवास आधारित आहाज दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा हो सकता है. ऐसे में वजन घटाने के कार्यक्रम के शुरुआत से पहले सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए.
टाइप-2 मधुमेह एक बढ़ती वैश्विक महामारी है और यह अक्सर असंतुलित आहार व बैठने वाली जीवनशैली से जुड़ा है और इस तरह से यह मोटापे से जुड़ी हुई है.
ब्राजील के साओ पाउलो विश्वविद्यालय की शोध की लेखक अना बोनासा ने कहा, "यह पहला शोध है जो दिखाता है कि वजन घटाने के बावजूद रुक-रुक कर उपवास रहने वाले आहार से वास्तव में अग्नाशय को क्षति पहुंचती है और इससे सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्तियों में इंसुलिन के कार्य पर असर पड़ता है. इससे मधुमेह या स्वास्थ्य की गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं."
Comments
Post a Comment