घुटनों के दर्द को मामूली दर्द समझकर युवा नजरअंदाज कर देते हैं तो वहीं बुजुर्ग इसे उम्र का तकाजा मानकर शांत बैठ जाते हैं. घुटनों का यह दर्द ओस्टियोआर्थराइटिस यानी गठिया भी हो सकता है और आंकड़ों के अनुसार अगर घुटने के दर्द के मामलों की यही स्थिति रही तो साल 2025 तक भारत में छह करोड़ से भी ज्यादा लोगों के इस बीमारी से प्रभावित होने का पूवार्नुमान है. आर्थराइटिस की समस्या तब शुरू होती है, जब घुटनों के जोड़ में जैली जैसे पदार्थ कार्टिलेज में घिसाव होने लगता है. इससे घुटने की हड्डियां आपस में रगड़ने लगती है और घुटने में सूजन, अकड़न और दर्द होने लगता है. हालांकि यह बीमारी उम्र बढ़ने और अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है लेकिन कम उम्र के लोगों में आर्थराइटिस के मामले जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसका कारण लोगों का कसरत और सैर न करना, संतुलित आहार न लेना, सारा दिन बैठे रहना और मोटापा है. आंकड़ों के अनुसार अगर आर्थराइटिस के मामलों की यही स्थिति रही तो साल 2025 तक भारत में छह करोड़ से भी ज्यादा लोगों के इस बीमारी से प्रभावित होने का पूवार्नुमान है. हरियाणा के फरीदाबाद में क्यूआरजी हेल्थ सिटी ...
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