OMG! 15 करोड़ लोगों को है मेंटल हेल्थ केयर की जरूरत, पर क्यों!
भारत में अनुमानित 15 करोड़ लोगों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल (mental healthcare) की जरूरत है. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 (National Mental Health Survey) में इस बात का खुलासा हुआ है. मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के लक्षणों और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की जागरूकता में कमी के कारण देश में उपचार के बीच अंतर पैदा हुआ है. हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, "किसी भी मानसिक स्वास्थ्य विकार के लक्षण चिह्न्ति नहीं हैं, लेकिन कई बार वे अन्य स्थितियों की नकल लगते हैं. अधिकांश लोगों को केवल बेसिक देखभाल की आवश्यकता होती है. कुछ को तनाव, थकान और शरीर में दर्द होता है और किसी से बात करने या बस साथ बैठने का दिल करता है. यह केवल तब होता है जब ये लक्षण विकसित होते जाते हैं और चीजें बदतर होती जाती हैं, जिससे समय के साथ स्थिति गंभीर होती जाती है."
उन्होंने कहा, "कई मामलों में अवसाद सहित मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं गरीबी, घरेलू हिंसा और कम उम्र में विवाह जैसी समस्याओं से जुड़ी हो सकती हैं. इसलिए, इस मुद्दे को समग्र रूप से देखना जरूरी है. हालांकि भारत के 27 प्रतिशत जिलों में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम हैं, लेकिन कई स्थानों पर पूरी टीम की कमी है. भारतीय लोग मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रति इम्यून नहीं है, लेकिन इस बात में भरोसा नहीं करते कि उन्हंे भी यह समस्या हो सकती है."
डॉ. अग्रवाल ने बताया, "क्वांटम भौतिकी बताती है कि अवसाद और चिंता का मैकेनिज्म पार्टिकल डुएलिटी की समझ के बीच असंतुलन से जुड़ा हो सकता है. इससे संतुलन अवसाद और अन्य मानसिक विकारों के इलाज में और मदद मिल सकती है. पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र शरीर को तनाव प्रतिक्रियाओं से शांत होने में मदद करके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो रक्तचाप को बढ़ाता है, आंखों की पुतलियों को फैलाता है और अन्य प्रक्रियाओं से लड़ने के लिए ऊर्जा को हटा देता है."
डॉ. अग्रवाल ने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सुझाव देते हुए कहा, "साबुत अनाजों से तैयार आहार का उपभोग करें. इसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, गुणवत्ता वाला प्रोटीन, स्वस्थ वसा और जटिल काबोर्हाइड्रेट शामिल हैं. हाइड्रेटेड रहें क्योंकि यह लिम्फैटिक सिस्टम से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मदद करेगा और शरीर से मैटाबोलिज्म कचरे को हटा देगा. यह ऊतकों को डिटॉक्सीफाई और फिर से बनाने के लिए आवश्यक है."
उन्होंने कहा, "व्यायाम शरीर के लिए सकारात्मक शारीरिक तनाव की तरह है. उदाहरण के लिए, योग मन और शरीर दोनों के लिए लाभ पहुंचाने के लिए जाना जाता है. आदतों, विचारों और व्यवहारों के संयोजन सहित माइंडफुलनैस का अभ्यास करें, ताकि आप अपने दैनिक जीवन को अच्छे से जी सकें. माइंडफुलनैस का मतलब है जानबूझकर और सक्रिय रूप से तनाव के लिए शरीर की प्रतिक्रिया को कम करने की मांग करना." (इनपुट आईएएनएस)
by drndtv
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